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तुलसीदास का जीवन परिचय | गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय in hindi class 10 और class 12 पीडीएफ

Important Questions

● गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय in hindi class 10 और class 12 पीडीएफ

● तुलसीदास का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ

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● तुलसीदास कौन थे?

तुलसीदास (Tulsidas) एक प्रसिद्ध हिंदी कवि थे जिन्हें हिंदी साहित्य के एक महान कवि के रूप में मान्यता है। वे 16वीं शताब्दी के भारतीय संस्कृति और साहित्य के लोकप्रिय कवि थे। तुलसीदास जी की सबसे प्रसिद्ध रचना 'रामचरितमानस' है, जो रामायण की एक अद्वितीय हिंदी अनुवाद है। वे रामभक्ति और श्रीराम की महिमा पर आधारित रचनाएं लिखने के लिए जाने जाते हैं।

तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयाग (वराणसी) नगर में हुआ था, जहां उन्होंने अपना जीवन बिताया। उनके बारे में विविध कथाएं और किंवदंतियां मौजूद हैं जो उनके जीवन के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं। उन्होंने एक साधु बनने के बाद अपना जीवन धर्म, ध्यान और भक्ति में लगा दिया था। उन्होंने कई रचनाएं लिखीं जिनमें प्रमुख हैं "विनयपत्रिका", "दोहावली" और "कवितावली"।
तुलसीदास जी की रचनाएं हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण हिस्से मानी जाती हैं।

● तुलसीदास की सम्पूर्ण रचनाएँ

तुलसीदास जी की सम्पूर्ण रचनाएं निम्नानुसार हैं:


रामचरितमानस

विनयपत्रिका

दोहावली

कवितावली

जनकीमंगल

बालकाण्ड

अयोध्याकाण्ड

अरण्यकाण्ड

किष्किंधाकाण्ड

सुंदरकाण्ड

लंकाकाण्ड

उत्तरकाण्ड

हनुमानचालीसा

आदिकाव्य रामायण

रामगीतावली

गोस्वामी तुलसीदास कृत वैराग्यसंदीपनि

सीताश्वविलाप

गोस्वामी तुलसीदास कृत बृंदावनरामायण

गोस्वामी तुलसीदास कृत कागभुषणं

गोस्वामी तुलसीदास कृत कबीरवाणी

ये केवल कुछ मुख्य रचनाएं हैं, तुलसीदास जी की रचनाएं और भी विस्तारपूर्वक हैं और उन्होंने अनेक अन्य ग्रंथों और कविताओं को भी लिखा है।

कुछ का वर्णन-:

रामचरितमानस: यह उनकी सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण रचना है। इसमें वे हिंदी भाषा में रामायण की कथा का अद्वितीय अनुवाद करते हैं। रामचरितमानस को सीताकांड, बालकांड, अयोध्याकांड, किष्किंधाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड और उत्तरकांड से मिलकर मिलता है।

विनयपत्रिका: इस रचना में तुलसीदास जी ने भगवान् राम के प्रति अपनी विनय भावना को व्यक्त किया है। इसमें वे भगवान् से अनुरोध करते हैं कि वे उन्हें संसारिक बंधनों से मुक्ति दें।

दोहावली: यह एक संकलन है जिसमें तुलसीदास जी ने अपनी दोहे रचनाएं संग्रहित की हैं। इसमें उन्होंने जीवन के तत्वों, मनोवृत्तियों, भक्ति, ज्ञान आदि के बारे में संक्षेप में अपने विचार व्यक्त किए हैं।

कवितावली: इस रचना में तुलसीदास जी ने अपनी कविताएं संग्रहित की हैं।

तुलसीदास का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ

तुलसीदास, जिनका असली नाम रमेश्वरनाथ था, एक महान हिंदी कवि और संत थे। उनका जन्म सन् 1532 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के प्रयाग (वराणसी) नगर में हुआ था। उनके पिता का नाम अतराम था और वे ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते थे।

तुलसीदास की जीवन गाथा में कई कथाएं प्रसिद्ध हैं। यह कहा जाता है कि वे एक साधु बनने के बाद हिंदी साहित्य के विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया। तुलसीदास जी ने अपने जीवन के दौरान कई मान्यताओं और धर्मिक परंपराओं को पालन किया और भक्ति में लीन रहने का अद्यात्मिक उत्साह रखा।

तुलसीदास जी की सबसे प्रसिद्ध रचना 'रामचरितमानस' है, जो एक महाकाव्य है और उनकी प्रमुख काव्यरचना मानी जाती है। इसमें वे हिंदी भाषा में रामायण की कथा का अद्वितीय अनुवाद करते हैं। रामचरितमानस को सीताकाण्ड, बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, किष्किंधाकाण्ड, सुंदरकाण्ड, लंकाकाण्ड और उत्तरकाण्ड से मिलकर मिलता है।

गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय in hindi class 10 और class 12 पीडीएफ


भावपक्ष-:

गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म सन् 1532 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के प्रयाग (वराणसी) नगर में हुआ। वे एक ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते थे और उनके पिता का नाम अतराम था।
तुलसीदास जी का जीवन धार्मिकता, आध्यात्मिकता, भक्ति और प्रेम के माध्यम से संबंधित था। उन्होंने अपने परिवार की परंपराओं का पालन किया और ब्रह्मचर्य जीवन व्यतीत किया। उनका जीवन धर्म, सत्य, और न्याय के मूल्यों पर आधारित था।
तुलसीदास जी ने अपने जीवन के दौरान श्री रामचन्द्रजी की अद्भुत भक्ति और प्रेम की अनुभूति की। उन्होंने अपनी रचनाओं में राम भक्ति को प्रमुखता दी और रामायण की कथा को हिंदी भाषा में प्रस्तुत किया।
तुलसीदास जी की रचनाएं भक्ति, प्रेम, वैराग्य, धर्म, न्याय, सत्य, ज्ञान और समाज के मुद्दों पर आधारित हैं।

कलापक्ष-:

तुलसीदास जी को राम भक्ति में रूचि पहली से ही थी। उन्होंने संत गोस्वामी रूपानंद जी से साधना और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने भक्ति कला में अपार अभिरुचि विकसित की और उन्होंने कविता, गीत, और संगीत में अद्वितीय माहिरी प्राप्त की।
तुलसीदास जी की मशहूरत उनकी रचनाएं ही लाई हैं। सबसे प्रमुख उनकी रचना है 'रामचरितमानस' जो हिंदी साहित्य की महत्वपूर्ण काव्यग्रंथों में से एक है। यह रचना श्री रामचन्द्रजी की कथा को अद्वितीय अंदाज में व्यक्त करती है। इसके अलावा, उनकी और भी कई महत्वपूर्ण रचनाएं हैं जैसे 'विनय पत्रिका', 'कवितावली', 'बालकाण्ड', 'सुंदरकाण्ड', आदि।

साहित्य मे स्थान-:

गोस्वामी तुलसीदास जी को हिंदी साहित्य में एक महान कवि के रूप में मान्यता है और उनकी रचनाएं आधुनिक हिंदी साहित्य के आदारभूत स्तम्भ मानी जाती हैं। उनकी काव्य-रचनाओं को विभिन्न आयामों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।

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